ऐ लड़की, सुनो...!
तेरी बातें लोगों को चुभती क्यों हैं?
तेरे हर सवाल पे समाज चुप क्यों है?
हो सके तो
इन बातों को समझ ले
अपने मन में ही
इन्हें गुन ले...
वरना ये समाज ही
तुझ पे हँसेगा
तुझे ही
अपने फ़ंदे में कसेगा...
तू अन्दर से
इस तरह छिल जाएगी
अपने आँसुओं को ही
खारा बताएगी...
समय रहते सहेज ले
इन आँसुओं को
ये तेरी ही
अनमोल थाती बनेंगे
तुझे अपने पैरों पे
खड़े होने का माद्दा देंगे...
ये दुनियां कहाँ
औरों के लिए खड़ी होती है
हर किसी को अपनी बात
स्वयं ही कहनी होती है...
फ़िर एक दिन तू
खुद ही समझ जाएगी
इन बातों को सोच कर
स्वयं ही मुस्कुराएगी
कि...
तेरी बातें लोगों को चुभती क्यों हैं?
तेरे हर सवाल पे समाज चुप क्यों है?
ऐ लड़की, सुनो...!
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तेरी बातें लोगों को चुभती क्यों हैं?
जवाब देंहटाएंतेरे हर सवाल पे समाज चुप क्यों है?
कमाल है!
चुन-चुन कर शब्दों का आपने प्रयोग किया और क्या सुंदर संदेश देती रचना है यह!!
लाजवाब!!!