ऐ ज़िन्दगी! तुझे क्या कहूँ,
मेरा सूरज है या चाँद कहूँ.....
सूरज की तपिश है तुझमें तो,
चन्दा सी शीतलता भी है।
इनसे है जगमग दुनिया तो,
मेरे दिल की रौनक तुझसे है।
मेरा सूरज है और चाँद भी तू,
ऐ दिल बता तुझे क्या कहूँ.....
सूरज सा दमकता चेहरा है,
चन्दा सी कोमल काया है।
दिल के अन्तस को जो छू ले,
ऐसा अमृत-जल छलकाया है।
तू सब कुछ है, मेरा सब कुछ है,
दिल ये कहे, मैं क्या करूँ.....
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शब्द-शब्द बोल रहे।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा अभिव्यक्ति।
नई रचना : सूनी वादियाँ
जिंदगी है तो सब कुछ है ...
जवाब देंहटाएंतू सब कुछ है ......... अनुपम भाव संयोजन ....बेहतरीन
जवाब देंहटाएं...वाह, दिल को छूती पंक्तियाँ।
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