10 मार्च 2014

गज़ल






हम तो हरदम मौत से, दो हांथ करके ही जिए।
ज़िन्दगी से अपनी यारी, तुमसे ज्यादा है तो है॥१॥

हम ना बैठेंगे सुकूँ से, जब तलक है जाँ में दम।
जलते रहना ही अगर, किस्मत हमारी है तो है॥२॥

ज़िन्दगी मायूस होकर, ना विदा कर तू मुझे।
बस फ़कत ये चार दिन की, तुझसे यारी है तो है॥३॥

दिल-ओ-जाँ कुर्बान थे, पहले ही औरों के लिए।
साँसों पर भी मौत की अब, पहरेदारी है तो है॥४॥

               ******

4 टिप्‍पणियां:

  1. ज़िन्दगी मायूस होकर, ना विदा कर तू मुझे।
    बस फ़कत ये चार दिन की, तुझसे यारी है तो ह ...

    बहुत ही लाजवाब शेर है इस उम्दा गज़ल का ... बहुत खूब ...

    जवाब देंहटाएं
  2. हम तो हरदम मौत से, दो हांथ करके ही जिए।
    ज़िन्दगी से अपनी यारी, तुमसे ज्यादा है तो है॥१॥
    सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. Casino Guru 2021 - The best casinos and bonuses - JTM Hub
    Casino Guru 2021. Check the best online 통영 출장샵 casinos 용인 출장마사지 and bonuses 밀양 출장안마 for you and what 김해 출장안마 games you can play. Exclusive bonuses & promotions. 경상남도 출장마사지

    जवाब देंहटाएं