10 जून 2016

बन्नी / विवाह-गीत (लोक-गीत)










गौरा-पार्वती के आगे, शंकर-पार्वती के आगे
अपना भाग माँगन जैहें
हाँ... सुहाग माँगन जैहें.....


बाबा ऐसो वर ढूँढ़ो, मैया ऐसो वर ढूँढ़ो
जिनके हों लक्ष्मण से भाई, जिनकी कौशल्या सी माई
अपना भाग.....


बाबा ऐसो वर ढूँढ़ो, मैया ऐसो वर ढूँढ़ो
जिनके हों बलदाऊ से भाई, जिनकी हों जसुमति सी माई
अपना भाग.....




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4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (11-06-2016) को "जिन्दगी बहुत सुन्दर है" (चर्चा अंक-2370) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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