5 सितंबर 2012

इन्तज़ार..........एक आहट का !



इन्तज़ार है मुझे
उस आहट का
जो होगी तेरे क़दमों की
लड़खड़ाते हुए बढ़ेंगे जो मेरी ओर
और मैं थाम लूँगी तुझे
गिरने के डर से...

देखती रहती हूँ तुझे
लेटे हुए उस पालने में
और सोचती हूँ कि
कब होगी तू आज़ाद
देखेगी ये सपनीली दुनिया
अपनी बड़ी-२ आँखों से...

देखकर तुझे
दिल में उठता है समंदर
दुखों का
पर बांध लेती हूँ उसे
अपनी जिजीविषा से
ताकि लड़ सकूँ मैं
'तेरे' दुखों से...

मैंने तो मांगी थी
ईश्वर से
सिर्फ एक
प्यारी सी गुड़िया
ताकि लुटा सकूँ, उस पर
अपना सम्पूर्ण प्यार, दुलार
पर था शक उसे शायद
मेरे प्यार पर
और लेनी चाही उसने
मेरी परीक्षा
बेटी तो दी उसने, परी सी
पर कर दी उसकी दुनिया सीमित
एक झूले तक
और मेरी
उस झूले के इर्द-गिर्द...

पर नहीं था एहसास शायद
ईश्वर को भी
प्यार की ताकत का...
मैं खुश हूँ, पाकर
अपनी दुनिया
झूले के इर्द-गिर्द ही
इस इन्तज़ार के साथ
कि कर पायेगी आज़ाद
मेरे प्यार की ताकत
तुझे इस झूले से आज़ाद
और मैं सुन पाऊँगी
वो आहट
जो होगी तेरे क़दमों की.....!!

          x   x   x   x  

10 टिप्‍पणियां:

  1. निःशब्द से एहसास झूले को झुला रहे

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  2. भावमय करते शब्‍दों का संगम ...

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  3. बहुत खुबसूरत कोमल अहसास और सुंदर अभिव्यक्ति बधाई .......

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  4. वाह बहुत खूब !


    मुझ से मत जलो - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

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  5. एक और बेहतरीन रचना के लिए बधाइयाँ !

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  6. कुछ अलग सा दुख है कई प्रश्न आये मन में कविता पढ़कर ! क्या बिटिया किसी कष्ट वश झूले में है ?
    कर पायेगी आज़ाद
    मेरे प्यार की ताकत
    तुझे इस झूले से आज़ाद
    और मैं सुन पाऊँगी
    वो आहट
    जो होगी तेरे क़दमों की.

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    1. जी आनंद जी, वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है... २ अक्टूबर को २ वर्ष की हो जाएगी, पर स्वयं कुछ भी करने में असमर्थ है...

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  7. सुन्दर कविता,काबिले तारीफ ।
    मेरी नयी पोस्ट -"क्या आप इंटरनेट पर ऐसे मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य देखे ।धन्यवाद ।
    मेरे ब्लॉग का पता है - harshprachar.blogspot.com

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  8. बिटिया के कष्ट के बारे में जानकर दुःख हुआ. आशा है कि आपका दुलार व मेडिकल साइंस उसे बेहतर कर पाएंगे.
    घुघूतीबासूती

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