6 दिसंबर 2012

‘मैं’ से ‘स्व’ की ओर...!







‘मैं’

कहने को तो,

पहचान बताता है इसे

हर कोई अपनी...

पर

क्या नहीं होता?

‘अहम’ का द्योतक

ये हमारे...

वास्तविक पहचान निखरती है

जब हम

डुबो देते हैं

इस ‘मैं’ को

आत्म-मंथन के

भंवर में...

और प्रकट होता है

हमारा ‘स्व’

श्वेत, धवल, पावन

स्वच्छ, निर्मलता से ओत-प्रोत

विलीन होने को आतुर

उस परम-तत्व में

जो वास्तविक पहचान है

हमारे ‘स्व’ की.....!!

       
         x  x  x  x 

14 टिप्‍पणियां:

  1. उस परम-तत्व में
    जो वास्तविक पहचान है
    हमारे ‘स्व’ की.....

    बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,

    recent post: बात न करो,

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  2. गहन भावभिव्यक्ति इस स्व की खोज ताउम्र जारी रहा करती है।

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  3. बहुत गहन और सुन्दर प्रस्तुति...

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  4. बेहतर प्रस्तुति !!

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  5. ये स्व मैं से बाहर आकार ही देखाई देता है ... पर आर किसी का इससे बाहर आना आसान नहीं ...

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  6. जो स्व को पहचान कर अहम् पर काबू पा ले वही इंसान है

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  7. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।

    ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...

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  8. स्व की ओर यात्रा की एक कोशिश >> http://corakagaz.blogspot.com/2012/07/blog-post.html

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