कान्हा ने वंशी बजायी,
राधा रानी दौड़ी चली आई...
१. कान्हा की मुरली जग से निराली,
मीरा के भी मन को भायी...
राधा रानी...............!
२. सारी गोपियाँ मुरली सुन रीझें,
कान्हा ने की चतुराई...
राधा रानी.............!
३. मीरा और राधा दोनों दीवानी,
तन-मन की सुध बिसराई...
राधा रानी.............!
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अनुपम भाव लिए हुए बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
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कान्हा की बंसी की तान तो आज भी कायम है..आपको जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
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