एक सवाल
जिसका ज़वाब
ना वो देना चाहते हैं
ना हम सुनना चाहते हैं
क्योंकि वो जानते हैं कि
वो कभी सच नहीं बोल पायेंगे
और हम जानते हैं कि
उनके झूँठ पर भी कर लेंगे यकीन हम
और फ़िर
ना हम जी पायेंगे
और ना ही
वो सुकून से रह पायेंगे
इसलिए
अपने-२ दिलों की बेहतरी के लिये
हमने सुला दिया
अपने जज्बातों को
किसी गहरी कब्र के
सुकूँ भरे आगोश में
जो महक रहे हैं
एक-दूसरे की खुशबुओं से
होकर सराबोर
और कर रहे हैं इन्तज़ार
बेहतर वक्त का
ताकि छू सकें
एक-दूसरे की रुहों को
और जी लें
एक कतरा ज़िन्दगी.....!!
x x x
x