“ हो
s s, रघुनन्दनजी घर आए,
सजाओ बन्दनवार जी..
सब
मिल के दीप जलाओ,
गाओ मंगलचार जी...”
********
हो s जी... रघुनन्दन जी की भाँवर,
पड़न लागीं, सियाजी के संग.....
हो जी,
आवहु मैया-बाबुल
करहु दान कन्या का..॥१॥
हो जी,
कर के पीले हाथ
सुफ़ल अपना जनम करो..॥२॥
हो जी,
पाली, दुलारी, ये राजकुमारी
विदा कर दो..॥३॥
हो
जी, सुख से रहो तुम लाडली
प्यार सभी का मिले..॥४॥
********