जब खामोश हो तुम
तो मानो दुनिया की अभिव्यक्ति है
जब बोलते हो, तो
लगता है, सब कुछ शांत हो गया है
मेरे मन के भीतर
उस गहरे सूनेपन में
एक आवाज बनकर आते हो
और भिगो जाते हो
दिल की गहराई तक
मन भी भर जाता है
एक अनकही पीड़ा से
उस पीड़ा के अहसासों से
एक सुन्दर क्षवि मैनें बनायीं है
जिस दिन साकार होगी ये क्षवि
गा उठेगा मेरा मन
कुछ अनकहे भावों से
कुछ अनकहे अहसासों से
जो मचल रहे हैं आज भी
मेरे मन के अन्दर ही
क्योंकि खामोश हो तुम...!!