2 जून 2012

सबसे उदास कविता..!




 सबसे उदास कविता..!
जो न लिखी गयी आज से पहले
   शायद इतना दर्द ही ना मिला होगा...
दर्द तो जीवन की आस की भांति
पग-२ पर बिखरा पड़ा है
   शायद किसी के दिल को न छुआ होगा...
इस दर्द में एक अलग अहसास है
क्योंकि एक सपने की मौत हुयी है
जीवन की आपाधापी में
   रोज एक सपने की मौत होती है...
आयेंगे अच्छे दिन भी
कितना बड़ा झूठ !
फिर भी मन को संतोष
और ईश्वर के अस्तित्व की अनुभूति को लेकर
एक चिथड़ा सुख के लिए
समय की शिला पर
   संघर्ष  और निर्माण चलता रहेगा...
धुंध से उठती धुन मधुरतम है,
क्योंकि सीमायें टूटती हैं,
और बेहतर दुनिया के लिए,
      सब कुछ होना बचा रहेगा.....!!

5 टिप्‍पणियां:

  1. 'धुंध से उठती धुन मधुरतम है'
    सुन्दर बात कही है...!

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  2. जीवन की आपाधापी में
    रोज एक सपने की मौत होती है......इस रचना में बहुत कुछ है

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  3. बहुत सुंदर रचना। ऐसी रचनाएं कभी कभी पढने को मिलती हैं।

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  4. और ईश्वर के अस्तित्व की अनुभूति को लेकर
    एक चिथड़ा सुख के लिए वाह! निःशब्द!!

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