26 फ़रवरी 2015

सोहर / जच्चा (लोक-गीत)




हमरे तो पीर आवे, ननदी हँसत डोले-२

प्यारे सैंया, भोले सैंया
ननदी विदा करो
आज विदा करो, अभी विदा करो
हमरे तो पीर आवे...

साड़ी कढ़न गई, ब्लाउज सिलन गयो
गंगा-जमुना चढ़ रही हैं
कैसे विदा करूँ..
लेने कोई आया नहीं है
कैसे विदा करूँ..
हमरे तो...

साड़ी मैं अपनी दूँगी, ब्लाउज तो रानी का है
गंगा-जमुना नाव डला दो
ऐसे विदा करो..
छोटा देवर संग करूँगी
ऐसे विदा करो..
हमरे तो...


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