अंजुमन
दिल के अहसासों का.....
7 मई 2012
हे मनुष्य...
" हे मनुष्य ! तू एक दिन,
इंसान बन के देख..
देवता तू क्या बनेगा,
आम बन के देख...
प्यार का आधार तुझमें,
जीवात्मा का सार तुझमें..
उस अलौकिक, असीमित,
का प्राण बन के देख...
हे मनुष्य ! तू एक दिन,
इंसान बन के देख.....!!"
2 टिप्पणियां:
अनुपमा पाठक
8 मई 2012 को 2:07 pm बजे
पावन सन्देश!
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के सी
8 मई 2012 को 3:24 pm बजे
sundar !
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पावन सन्देश!
जवाब देंहटाएंsundar !
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